याकूब मेमन की फांसी
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🔲मकबोल अहमद सल्फ़ी
भारत में मुंबई बम धमाकों में वित्तीय सहायता प्रदान करने के जुर्म में मृत्युदंड पाने वाले दोषी याकूब मेमन को बड़े गुरुवार भारतीय राज्य महारशटर शहर नागपुर जेल में फांसी दे दी गई। (बीबीसी उर्दू समाचार)
🔲ीिकोब मेमन की फांसी से जुड़े कई सवाल पैदा होते हैं।
🔴सब से पहलासवाल यह है कि इस मामले में जल्दबाजी क्यों काम लिया गया?
🔴मम्बई बम विस्फोट के वास्तविक अपराधी याकूब मेमन नहीं, उनके बड़े भाई टाइगर मेमन हैं, तो उसे सजा क्यों?
🔴ास मामले में 11 अपरमान को फांसी की सजा सुनाई गई थी सुप्रीम कोर्ट ने 10 लोगों की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दी सजा केवल मेमन को ही क्यों? ।
🔴मीमन पत्नी दशक लगाई कि जब हमारे पति ने बीस साल की जेल वाली सजा काट ली है तो उसे फांसी क्यों? अगर फांसी उसकी सजा थी तो 20 साल जेल क्यों? जवाब में कहा करते हैं कि इसका कारण हमारा मुसलमान होना है।
👆ान प्रश्न अलावा याकूब मेमन की फांसी की पृष्ठभूमि में हम इस्लामी दृष्टिकोण से दो महत्वपूर्ण बातों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
1⃣जू लोग इस्लाम की मौत (रजम) को सनदगी कल्पना करते थे, आज फांसी से उनकी भाषा तो फिर भी बंद हो गई। स्तुति
2⃣फांसी की सजा पाने वालों को अगर देखें तो वह अपने अंतिम दिनों में काफी बदल जाते हैं, अगर मुसलमान हों तो पूजा, माफी और प्रार्थना आदि में लग जाते हैं और एक खास बात है कि लोगों से मेल जोल काफी नरमी का व्यवहार पैदा कर लेते हैं ।
यह सब इसलिए कि उन्हें अपनी मौत का दिन इतिहास पता है जबकि देखा जाए तो हमारी भी मौत तय है, दिन और ऐतिहासिक का अल्लाह के सिवा किसी को पता नहीं लेकिन एक न एक दिन जाना सभी को है।
अगर हम फांसी पाने वाले मुजरिम की तरह इस तथ्य को जान लें कि हमारी मौत का दिन भी तय हो चुका है तो हमारे अंदर भी उन्हीं की तरह इस जगत नापाईदार से जाने की भावना पैदा होगी और इस संदर्भ में जीवन और भविष्य की कामरानी उपकरण प्रदान करेंगे।
ए परवरदिगार आलम! हमारे भीतर ऐसा माना भविष्य पैदा हो जाए। आमीन
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🔲मकबोल अहमद सल्फ़ी
भारत में मुंबई बम धमाकों में वित्तीय सहायता प्रदान करने के जुर्म में मृत्युदंड पाने वाले दोषी याकूब मेमन को बड़े गुरुवार भारतीय राज्य महारशटर शहर नागपुर जेल में फांसी दे दी गई। (बीबीसी उर्दू समाचार)
🔲ीिकोब मेमन की फांसी से जुड़े कई सवाल पैदा होते हैं।
🔴सब से पहलासवाल यह है कि इस मामले में जल्दबाजी क्यों काम लिया गया?
🔴मम्बई बम विस्फोट के वास्तविक अपराधी याकूब मेमन नहीं, उनके बड़े भाई टाइगर मेमन हैं, तो उसे सजा क्यों?
🔴ास मामले में 11 अपरमान को फांसी की सजा सुनाई गई थी सुप्रीम कोर्ट ने 10 लोगों की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दी सजा केवल मेमन को ही क्यों? ।
🔴मीमन पत्नी दशक लगाई कि जब हमारे पति ने बीस साल की जेल वाली सजा काट ली है तो उसे फांसी क्यों? अगर फांसी उसकी सजा थी तो 20 साल जेल क्यों? जवाब में कहा करते हैं कि इसका कारण हमारा मुसलमान होना है।
👆ान प्रश्न अलावा याकूब मेमन की फांसी की पृष्ठभूमि में हम इस्लामी दृष्टिकोण से दो महत्वपूर्ण बातों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
1⃣जू लोग इस्लाम की मौत (रजम) को सनदगी कल्पना करते थे, आज फांसी से उनकी भाषा तो फिर भी बंद हो गई। स्तुति
2⃣फांसी की सजा पाने वालों को अगर देखें तो वह अपने अंतिम दिनों में काफी बदल जाते हैं, अगर मुसलमान हों तो पूजा, माफी और प्रार्थना आदि में लग जाते हैं और एक खास बात है कि लोगों से मेल जोल काफी नरमी का व्यवहार पैदा कर लेते हैं ।
यह सब इसलिए कि उन्हें अपनी मौत का दिन इतिहास पता है जबकि देखा जाए तो हमारी भी मौत तय है, दिन और ऐतिहासिक का अल्लाह के सिवा किसी को पता नहीं लेकिन एक न एक दिन जाना सभी को है।
अगर हम फांसी पाने वाले मुजरिम की तरह इस तथ्य को जान लें कि हमारी मौत का दिन भी तय हो चुका है तो हमारे अंदर भी उन्हीं की तरह इस जगत नापाईदार से जाने की भावना पैदा होगी और इस संदर्भ में जीवन और भविष्य की कामरानी उपकरण प्रदान करेंगे।
ए परवरदिगार आलम! हमारे भीतर ऐसा माना भविष्य पैदा हो जाए। आमीन
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